राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा 2021 बीते कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में हैं। 2021 में हुए इस परीक्षा में पेपर लीक और धांधली से जुड़े मामलों की जांच जब से राजस्थान पुलिस की Special Team SOG ने संभाली है, तब से इस मामले में लगातार कुछ न कुछ अपडेट सामने आ रहा है। बीते दिनों SOG ने इस मामले में राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे कई ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में इन ट्रेनी SI को CMM कोर्ट से जमानत मिल गई थी।  लेकिन बुधवार को SI भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया है।

गिरफ्तार ट्रेनी SI की जमानत का फैसला रद्द
दरअसल बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट में SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई हुई। सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तार ट्रेनी SI को जमानत देने के आदेश को रद्द कर दिया। दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस सुदेश बंसल की अदालत ने CMM कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि जब कोर्ट ने पहले से गिरफ्तार 14 आरोपियों के संबंध में तथ्य जांचने के लिए DGP को निर्देश दिए थे, तो उस रिपोर्ट के आने से पहले कोर्ट को इन आरोपियों को लेकर डिफरेंट व्यू लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी।

मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने DGP को निर्देश दिए कि पहले से लंबित जांच के साथ-साथ इन 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के तथ्यों की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट CMM कोर्ट में पेश करें। वहीं, रिपोर्ट आने के बाद CMM कोर्ट अवैध हिरासत के बिंदू को तय करें। ऐसे में इस मामले में अगले दो सप्ताह का समय काफी अहम हो गया है। 

12 अप्रैल को जयपुर की CMM कोर्ट ने दी थी जमानत
मालूम हो कि जयपुर मेट्रो-द्वितीय की CMM कोर्ट ने 11 ट्रेनी SI और एक कॉन्स्टेबल को 12 अप्रैल को जमानत दे दी थी। ट्रेनी SI को जमानत मिलना SOG के लिए बड़ा झटका बताया गया था। इस फैसले के खिलाफ SOG ने हाईकोर्ट का रूख किया था, फिर हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल को अंतरिम रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद आरोपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को एक सप्ताह में मामले की सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए थे।

दरअसल बुधवार को SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक से जुड़े दो अलग अलग मामलों में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पहली सुनवाई SI भर्ती परीक्षा में चयनित अयोग्य अभ्यर्थियों को हटा कर उनकी जगह वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को शामिल करने से जुड़ी थी। हाईकोर्ट ने गृह सचिव, DGP और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।

दोषियों की जगह वेटिंग कैडिडेंट को क्यों नहीं लिया जा रहा
याचिकाकर्ता राजेंद्र सेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश गणेश मीणा ने यह नोटिस जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने कहा कि जब जांच एजेंसियों ने फर्जीवाड़े की बात कबूली है तो दोषियों को हटाकर वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को क्यों नहीं लिया जा रहा।

15 दिन के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट दें
दूसरा मामला CMM कोर्ट से 12 आरोपियों को जमानत देने से जुड़ा था। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदेश बंसल की पीठ ने CMM कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। साथ ही DGP को 15 दिनों के अंदर जांच पूरी कर कोर्ट को सौंपने को कहा है। DGP पहले से 14 ट्रेनी SI को अवैध हिरासत में रखने के आरोपों की जांच कर रहे हैं। अब कोर्ट ने कहा है कि वे अपनी लंबित जांच 15 दिनों के अंदर पूरी करें। इसके बाद कोर्ट अवैध हिरासत से संबंधित बिंदु तय करेगा।

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